विरासत में मिले त्यौहार (Tyohar poem in hindi)
है विरासत में मिले त्यौहार कैसे देख लो।
है गले मिलते खुशी सँग प्यार कैसे देख लो।
पूज्य हैं गणपति हमारे, देव सबसे धन्य हैं।
नित करे हम प्रार्थना तो खोलते पथ अन्य हैँ।
हों भरे भंडार सारे अन्न धन से देख लो।
है विरासत में मिले.................................
है कभी माँ शारदे पूजन कभी आराधना।
है कभी दुर्गा कभी लक्खी करूँ मैं साधना ।
साथ सात्विक पौष्टिक आहार कैसे देख लो
है विरासत में मिले...........................
देवता ज्यों मानती, जंगल नदी को पूजती।
चाँद , तारे, सूर्य पर्वत की करे नित स्तुती।
पूजती हैँ धेनु माँ सौ बार कैसे देख लो
है विरासत में मिले.................................
बात सूर्यॉपासना की हो अगर तो जान लो।
दे रहे सेवा सभी जो काम कोई ठान लो।
साथ मिल जुलकर चले परिवार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले...........................
है कभी संकल्प लेते , मांगते मन्नत कभी।
शुचि हवन करते कभी तो, जाप करते है कभी।
फिर मिले सुख शाँति का अम्बार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले..................................
उम्र लम्बी शांति सुख मांगती संतान की।
दुख न आये जिंदगी भर, श्रेष्ठ हो श्रीमान की।
रख रही व्रत शक्ति बारम्बार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले..................................
©शालिनी खन्ना
