गुरुवार, 23 नवंबर 2023

दुआओ से गढी वो चिट्टियाँ

         चिट्ठियाँ(Chitthi i hai lyrics)

                                                                              

  • chitthi i hai lyrics



प्यार में दिल की सियाही, से लिखी वो चिट्ठियाँ
चैन औ दिल के करारो, से पगी वो चिट्ठियाँ |


था कभी पतझड़ सरीखा, यह जहाँ मेरे लिए
रौनके लाती बहारो, से सजी वो चिट्ठियाँ |


ये  नीरस बेरंग होने, थे लगे उस दौर मे
रंग ले आई गुलाबो, मे रखी वो चिट्ठियाँ |


नेह है शायद उसे, पर प्रीत है शायद नहीं
लो गई सुलझा जवाबो, से भरी वो चिट्ठियाँ |


हो गये इतने बडे हम, भूल बैठे है जहाँ 
याद आई फिर दुआओ से गढी वो चिट्ठियाँ |


हाल ना पूछे सुनाये, याद तब आती मुझे
हूँ कुशल चाहूँ , रिवाजो से बन्धी वो चिट्ठियाँ |


वे घने थे बहुत जिनकी छत्रछाया मे पले
याद आती है सुझावो से भरी वो 
चिट्ठियाँ |


चल दिया जो छोड़ जग, को वह भला क्या आयगा
काश! फिर आती सितारो से कभी वो चिट्ठियाँ।।

©शालिनी खन्ना

chitthi i hai lyrics

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