जीवन सार ( jivan par kavita in hindi )
आंखों के रस्ते निकलकर दर्द सारे बह गए
स्वप्न कुछ पूरे हुए तो कुछ अधूरे रह गए
ज़िंदगी की राहों मे, गर फूल हैं, कांटे भी हैं
खुशियों की थपकी है गर तो दर्द के चांटे भी हैं
खुशियों को दिल से लगाए हम गमों को सह गए
स्वप्न कुछ पूरे हुए तो कुछ अधूरे रह गए....
कौन है पूरा यहां, सबकुछ भला किसको मिला
कहीं किन्तु, कहीं परन्तु, कहीं काश अटका रहा
देखकर ईश् की कवायद, हम अचम्भित रह गए
स्वप्न कुछ पूरे हुए तो कुछ अधूरे रह गए....
गम न कर, करले जतन, मानुष जीवन कब पाएगा
आंसुओं के बीच ही, सारा जीवन कट जाएगा
कर सफल जीवन मिला जो, दाता हमको कह गए
स्वप्न कुछ पूरे हुए तो कुछ अधूरे रह गए....
©शालिनी खन्ना

कर सफल जीवन मिला जो, दाता हमको कह गए
जवाब देंहटाएंस्वप्न कुछ पूरे हुए तो कुछ अधूरे रह गए....
बहुत सटीक !