शनिवार, 23 दिसंबर 2023

अंतर्जाल के इस युग ने....

         अंतर्जाल की दुनिया(internet of things kya hai )       

internet of things kya hai


अंतर्जाल के इस युग ने दी, ये कैसी मजबूरी है
मन मे खुशी भले ही ना हो, दिखना मगर जरूरी है...


कहां भला मन रमता अब तो, सुन्दर पर्वत वादी में
कहां रखी अब हंसी ठिठोली, अपने जन की शादी में
कर मौके को कैद फोन में , स्टेटस रंगना जरूरी है
मन मे खुशी भले ही ना हो, दिखना मगर जरूरी है...



तार जुड़े ना भले हृदय के ,पर फिर भी अपनापन है
मन के अंदर भले हो पतझड, पर बाहर से सावन है
ऊपर रटते राम राम पर , भीतर रहती छूरी है
मन मे खुशी भले ही ना हो, दिखना मगर जरूरी है...



हर दिन के इकरस जीवन से, सबको पार उतरना है
कभी थियेटर को जाना है, कभी तो शापिंग करना है
मजे कहां मूवी शापिंग के , सेल्फी ही बस धूरी है
मन मे खुशी भले ही ना हो, दिखना मगर जरूरी है..

©शालिनी खन्ना 

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सोमवार, 18 दिसंबर 2023

आ गया अवसान जीवन का मनुज सुन

जिंदगी का सफर (zindagi ek safar hai)

zindagi ek safar hai


आ गया अवसान जीवन का मनुज सुन
त्याग कर दुनिया चलो नूतन सफर को
है धरा रह जायेगा, जो धन कमाया
आचरण ही जायेगा सँग उस डगर को


छोड़ दे अब मोह किसका कर रहा तू
जेब ना होती कफन में सुन पियारे
रात दिन खटता रहा, एक पल रुका ना
चल चला चौसठ घड़ी आठो पहर को


साथ यौवन के तुम्हारे पाप आया
झूठ सच, व्यभिचार सारे साथ लाया
वेदना में क्यूँ पड़ा जीवन गँवाकर
छोड़कर पीयूष अपनाया जहर को


ईश ने अग्रज बना भेजा जहाँ में
भार अवरज का किया तेरे हवाले
स्वार्थवश भू के किये हिस्से तुम्ही ने
प्यार सागर छोड़, पाया धन नहर को


थी जरुरत जन्मदाता को तुम्हारी
आश्रमो में काटते दिन बेबसी के
आस में पथरा गई थी चार आँखे
कौन सी है अब सजा इस बेखबर को


आ गया अवसान जीवन का मनुज सुन 
त्याग कर दुनिया चलो नूतन सफर को
©शालिनी खन्ना 



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सोमवार, 11 दिसंबर 2023

कह रही है ज़िन्दगी

   

जीवन मंत्र  (jeevan mantra in hindi)

jeevan mantra in hindi

मत बिखरना देख गम को, कह रही है ज़िन्दगी

क्या इतरना देख खुशियाँ, कह रही है ज़िन्दगी




रंक राजा होत क्षण मे, दिन बदलता देख ले

हो रहा पल मे प्रलय जो, कह रही है जिंदगी




गर्व करता क्यों भला तू , दे रहा भगवान है

नाम उसका गर्व भंजन, कह रही है जिंदगी




नाज किसका कर रहा तू,आज है तो कल नही

देह माटी मे मिलेगी , कह रही है ज़िन्दगी




साथ रख संवेदनाऐं , गर मिले कोई दुखी

आ निभा इंसानियत को, कह रही है ज़िन्दगी |




मोह-माया मत बढ़ाएं चार दिन की ज़िन्दगी

है कभी मिलना बिछड़ना, कह रही है ज़िन्दगी||

© शालिनी खन्ना

jeevan mantra in hindi

शनिवार, 2 दिसंबर 2023

विरासत में मिले त्यौहार

विरासत में मिले त्यौहार (Tyohar poem in hindi)

Tyohar poem in hindi



है विरासत में मिले त्यौहार कैसे देख लो।
है गले मिलते खुशी सँग प्यार कैसे देख लो।


पूज्य हैं गणपति हमारे, देव सबसे धन्य हैं।
नित करे हम प्रार्थना तो खोलते पथ अन्य हैँ।
हों भरे भंडार सारे अन्न धन से देख लो।
है विरासत में मिले.................................


है कभी माँ शारदे पूजन कभी आराधना।
है कभी दुर्गा कभी लक्खी करूँ मैं साधना ।
साथ सात्विक पौष्टिक आहार कैसे देख लो
है विरासत में मिले...........................


देवता ज्यों मानती, जंगल नदी को पूजती।
चाँद , तारे, सूर्य पर्वत की करे नित स्तुती।
पूजती हैँ धेनु माँ सौ बार कैसे देख लो
है विरासत में मिले.................................


बात सूर्यॉपासना की हो अगर तो जान लो।
दे रहे सेवा सभी जो काम कोई ठान लो।
साथ मिल जुलकर चले परिवार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले...........................


है कभी संकल्प लेते , मांगते मन्नत कभी।
शुचि हवन करते कभी तो, जाप करते है कभी।
फिर मिले सुख शाँति का अम्बार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले..................................


उम्र लम्बी शांति सुख मांगती संतान की।
दुख न आये जिंदगी भर, श्रेष्ठ हो श्रीमान की।
रख रही व्रत शक्ति बारम्बार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले..................................

©शालिनी खन्ना





Tyohar poem in hindi 

गुरुवार, 23 नवंबर 2023

दुआओ से गढी वो चिट्टियाँ

         चिट्ठियाँ(Chitthi i hai lyrics)

                                                                              

  • chitthi i hai lyrics



प्यार में दिल की सियाही, से लिखी वो चिट्ठियाँ
चैन औ दिल के करारो, से पगी वो चिट्ठियाँ |


था कभी पतझड़ सरीखा, यह जहाँ मेरे लिए
रौनके लाती बहारो, से सजी वो चिट्ठियाँ |


ये  नीरस बेरंग होने, थे लगे उस दौर मे
रंग ले आई गुलाबो, मे रखी वो चिट्ठियाँ |


नेह है शायद उसे, पर प्रीत है शायद नहीं
लो गई सुलझा जवाबो, से भरी वो चिट्ठियाँ |


हो गये इतने बडे हम, भूल बैठे है जहाँ 
याद आई फिर दुआओ से गढी वो चिट्ठियाँ |


हाल ना पूछे सुनाये, याद तब आती मुझे
हूँ कुशल चाहूँ , रिवाजो से बन्धी वो चिट्ठियाँ |


वे घने थे बहुत जिनकी छत्रछाया मे पले
याद आती है सुझावो से भरी वो 
चिट्ठियाँ |


चल दिया जो छोड़ जग, को वह भला क्या आयगा
काश! फिर आती सितारो से कभी वो चिट्ठियाँ।।

©शालिनी खन्ना

chitthi i hai lyrics

मंगलवार, 23 मई 2023

आज सुबह जब मैनें अपनी लेखनी उठाई थी

 inspirational kavita in hindi

आज सुबह जब मैनें अपनी लेखनी उठाई थी


inspirational kavita in hindi



आज सुबह जब मैंने अपनी लेखनी उठाई थी.....


चारों दिशाएं शांत थी ,शांत था माहौल


सोंचा जल्दी से बुन डालूं ,मैं शब्दों के जाल…


विषय-वस्तु क्या हो ,दिमाग पर जोर डाला


घूम गई नज़र कमरे मे ,कलम ,घडी या ताला..


’एक प्याली चाय मिलेगी क्या’ पतिदेव की आवाज़ आई थी


आज सुबह जब मैने अपनी लेखनी उठाई थी.....

 


उनके इस आग्रह पर गुस्सा बडा आया था


फिर एक अच्छी पत्नी का ,मैने फर्ज निभाया था..


शांत किया खुद को ,फिर लिया मेज का रुख


इतने में खटपट बच्चों की ,क्रोध से तन गया मुख..


’भैया ने मुझे मारा’ दूसरे कमरे से बिटिया चिल्लाई थी.


आज सुबह जब मैने अपनी लेखनी उठाई थी.....

 


शांत किया उन दोनो को ,फिर लेखन की बारी आई


लिख डालूं दहेज या कन्या-भ्रूण हत्या पर ,सोंच कलम उठाई…


सरकार के रवैये पर लिख डालूं ,जो जनता को रुला रही है,


या पेट्रोलरसोई गैस पर ,जो हर दिन सता रही है…


’दूध ले लो ओ ओ ....’की आवाज़ तब ग्वाले ने लगाई थी.


आज सुबह जब मैने अपनी लेखनी उठाई थी.....

 


मूड हो गया था चौपट ,फिर भी लिखने की शुरु की कवायद


कुछ-न-कुछ रच ही डालूंगी ,सोंच लिया था शायद…


परिस्थितियां अनुकूल नहीपर काम करते जाना है


बहुत कुछ पाकर खोना हैऔर कुछ खोकर पाना है…


इन्हीं बातों को सोंचकर मन-ही-मन मुस्कराई थी.


आज सुबह जब मैने अपनी लेखनी उठाई थी....


©शालिनी खन्ना



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