प्रभु हम पे कृपा करना (prabhu hum pe kripa karna )
जो खेल रचे तूने, प्रभु सबसे निराले हैँ
चाहे रख ले जैसे, अब तेरे हवाले हैँ।।
जब भी दिल से चाहा, आवाज तू सुन लेता
तेरे दम से ही तो, मंदिर व शिवाले हैँ।।
है देकर खुशियो को, पल मे दुख भी देता
जीवन में अंधेरा भी, तुमसे ही उजाले हैँ ।।
है राह भटकते को, रस्ता दिखलाया है
जब - जब हम बिखरे हैं, तूने ही संभाले हैँ ।।
देता पल में जो तू, तो छिन भी लेता है
दानों पर लिख डाला, किस-किस के निवाले हैं।।
है पार करे नैया, मँझधार मे जो डूबी
मुख से जिसने प्यारे, हरि नाम निकाले हैँ।।
©शालिनी खन्ना
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वाह । बहुत खूब । जय श्री राम
जवाब देंहटाएंबहुत आभार..
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