गुरुवार, 28 दिसंबर 2023
वेदना के स्वर....
शनिवार, 23 दिसंबर 2023
अंतर्जाल के इस युग ने....
अंतर्जाल की दुनिया(internet of things kya hai )
अंतर्जाल के इस युग ने दी, ये कैसी मजबूरी है
मन मे खुशी भले ही ना हो, दिखना मगर जरूरी है...
कहां भला मन रमता अब तो, सुन्दर पर्वत वादी में
कहां रखी अब हंसी ठिठोली, अपने जन की शादी में
कर मौके को कैद फोन में , स्टेटस रंगना जरूरी है
मन मे खुशी भले ही ना हो, दिखना मगर जरूरी है...
तार जुड़े ना भले हृदय के ,पर फिर भी अपनापन है
मन के अंदर भले हो पतझड, पर बाहर से सावन है
ऊपर रटते राम राम पर , भीतर रहती छूरी है
मन मे खुशी भले ही ना हो, दिखना मगर जरूरी है...
हर दिन के इकरस जीवन से, सबको पार उतरना है
कभी थियेटर को जाना है, कभी तो शापिंग करना है
मजे कहां मूवी शापिंग के , सेल्फी ही बस धूरी है
मन मे खुशी भले ही ना हो, दिखना मगर जरूरी है..
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सोमवार, 18 दिसंबर 2023
आ गया अवसान जीवन का मनुज सुन
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
कह रही है ज़िन्दगी
जीवन मंत्र (jeevan mantra in hindi)
jeevan mantra in hindi
शनिवार, 2 दिसंबर 2023
विरासत में मिले त्यौहार
विरासत में मिले त्यौहार (Tyohar poem in hindi)
है विरासत में मिले त्यौहार कैसे देख लो।
है गले मिलते खुशी सँग प्यार कैसे देख लो।
पूज्य हैं गणपति हमारे, देव सबसे धन्य हैं।
नित करे हम प्रार्थना तो खोलते पथ अन्य हैँ।
हों भरे भंडार सारे अन्न धन से देख लो।
है विरासत में मिले.................................
है कभी माँ शारदे पूजन कभी आराधना।
है कभी दुर्गा कभी लक्खी करूँ मैं साधना ।
साथ सात्विक पौष्टिक आहार कैसे देख लो
है विरासत में मिले...........................
देवता ज्यों मानती, जंगल नदी को पूजती।
चाँद , तारे, सूर्य पर्वत की करे नित स्तुती।
पूजती हैँ धेनु माँ सौ बार कैसे देख लो
है विरासत में मिले.................................
बात सूर्यॉपासना की हो अगर तो जान लो।
दे रहे सेवा सभी जो काम कोई ठान लो।
साथ मिल जुलकर चले परिवार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले...........................
है कभी संकल्प लेते , मांगते मन्नत कभी।
शुचि हवन करते कभी तो, जाप करते है कभी।
फिर मिले सुख शाँति का अम्बार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले..................................
उम्र लम्बी शांति सुख मांगती संतान की।
दुख न आये जिंदगी भर, श्रेष्ठ हो श्रीमान की।
रख रही व्रत शक्ति बारम्बार कैसे देख लो।
है विरासत में मिले..................................
©शालिनी खन्ना
गुरुवार, 23 नवंबर 2023
दुआओ से गढी वो चिट्टियाँ
चिट्ठियाँ(Chitthi i hai lyrics)
प्यार में दिल की सियाही, से लिखी वो चिट्ठियाँ
चैन औ दिल के करारो, से पगी वो चिट्ठियाँ |
था कभी पतझड़ सरीखा, यह जहाँ मेरे लिए
रौनके लाती बहारो, से सजी वो चिट्ठियाँ |
ये नीरस बेरंग होने, थे लगे उस दौर मे
रंग ले आई गुलाबो, मे रखी वो चिट्ठियाँ |
नेह है शायद उसे, पर प्रीत है शायद नहीं
लो गई सुलझा जवाबो, से भरी वो चिट्ठियाँ |
हो गये इतने बडे हम, भूल बैठे है जहाँ
याद आई फिर दुआओ से गढी वो चिट्ठियाँ |
हाल ना पूछे सुनाये, याद तब आती मुझे
हूँ कुशल चाहूँ , रिवाजो से बन्धी वो चिट्ठियाँ |
वे घने थे बहुत जिनकी छत्रछाया मे पले
याद आती है सुझावो से भरी वो चिट्ठियाँ |
चल दिया जो छोड़ जग, को वह भला क्या आयगा
काश! फिर आती सितारो से कभी वो चिट्ठियाँ।।
©शालिनी खन्ना
मंगलवार, 23 मई 2023
आज सुबह जब मैनें अपनी लेखनी उठाई थी
inspirational kavita in hindi
आज सुबह जब मैनें अपनी लेखनी उठाई थी
आज सुबह जब मैंने अपनी लेखनी उठाई थी.....
चारों दिशाएं शांत थी ,शांत था माहौल
सोंचा जल्दी से बुन डालूं ,मैं शब्दों के जाल…
विषय-वस्तु क्या हो ,दिमाग पर जोर डाला
घूम गई नज़र कमरे मे ,कलम ,घडी या ताला..
’एक प्याली चाय मिलेगी क्या’ पतिदेव की आवाज़ आई थी
आज सुबह जब मैने अपनी लेखनी उठाई थी.....
उनके इस आग्रह पर गुस्सा बडा आया था
फिर एक अच्छी पत्नी का ,मैने फर्ज निभाया था..
शांत किया खुद को ,फिर लिया मेज का रुख
इतने में खटपट बच्चों की ,क्रोध से तन गया मुख..
’भैया ने मुझे मारा’ दूसरे कमरे से बिटिया चिल्लाई थी.
आज सुबह जब मैने अपनी लेखनी उठाई थी.....
शांत किया उन दोनो को ,फिर लेखन की बारी आई
लिख डालूं दहेज या कन्या-भ्रूण हत्या पर ,सोंच कलम उठाई…
सरकार के रवैये पर लिख डालूं ,जो जनता को रुला रही है,
या पेट्रोल, रसोई गैस पर ,जो हर दिन सता रही है…
’दूध ले लो ओ ओ ....’की आवाज़ तब ग्वाले ने लगाई थी.
आज सुबह जब मैने अपनी लेखनी उठाई थी.....
मूड हो गया था चौपट ,फिर भी लिखने की शुरु की कवायद
कुछ-न-कुछ रच ही डालूंगी ,सोंच लिया था शायद…
परिस्थितियां अनुकूल नही, पर काम करते जाना है
बहुत कुछ पाकर खोना है, और कुछ खोकर पाना है…
इन्हीं बातों को सोंचकर मन-ही-मन मुस्कराई थी.
आज सुबह जब मैने अपनी लेखनी उठाई थी....
©शालिनी खन्ना
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